अल्पसंख्यकों को मिलने वाली MANF फेलोशिप छह महीने से अटकी, छात्रों ने भेदभाव का आरोप लगाया “1 जनवरी 2023 को UGC ने फेलोशिप बढ़ाने के निर्देश जारी किए थे, लेकिन MANF फेलोशिप में कोई बदलाव नहीं किया गया है. कई छात्रों को छह-छह महीनों से फेलोशिप का वित्त प्राप्त नहीं हो रहा है।
मौलाना आज़ाद नेशनल फेलोशिप (MANF) देश की लगभग 30 यूनिवर्सिटीज़ में आदान-प्रदान होने वाली इस फेलोशिप से जुड़े रिसर्चर्स और डॉक्टरेट स्टूडेंट्स ने फेलोशिप में वृद्धि के लिए मंत्रालय को पत्र लिखा है। यह फेलोशिप केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय (MoMA) के तहत प्रदान की जाती है। छात्रों ने यह भी कहा है कि उन्हें MANF फेलोशिप की राशि कई महीनों से मिली नहीं है।
MANF से जुड़े छात्रों ने फेलोशिप वितरण में भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा है कि हाल ही में अन्य सभी रिसर्च फेलोशिप्स की राशि में वृद्धि हुई है, जबकि MANF से जुड़े छात्रों की फेलोशिप में कोई बदलाव नहीं किया गया है। द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृति ईरानी ने हाल ही में संसद में MANF फेलोशिप को बंद करने का निर्णय सुनाया था। मंत्री ने यह बताया कि MANF फेलोशिप कई अन्य फेलोशिप्स से ओवरलैप करती है, इसलिए इसे बंद कर दिया गया है। AMU से एजुकेशन में Ph.D. कर रहे स्टूडेंट सनी ने दी लल्लनटॉप को बताया, ”
हमने मंत्रालय को कई पत्र लिखे। हमसे कहा गया कि जिन लोगों को फेलोशिप अभी तक मिल रही थी, उन्हें रिसर्च खत्म होने तक फेलोशिप मिलती रहेगी। मुझे 31 हजार रुपए फेलोशिप मिलती थी। 1 जनवरी को फेलोशिप बढ़ाकर 37 हजार कर दी गई। लेकिन मुझे अभी तक एक भी बार बढ़ी हुई फेलोशिप नहीं मिली है। इतना ही नहीं, सितंबर में आखिरी बार फेलोशिप आई थी। उसके बाद से ये अटकी हुई है। हमें अपनी रिसर्च और खाने-पीने तक में दिक्कतें आ रही हैं.
सनी ने आगे बताया कि कुछ स्टूडेंट्स का MANF, नेशनल फेलोशिप ऑफ OBC और JRF तीनों में सेलेक्शन हुआ था। क्योंकि किसी एक को चुनना होता है, तो उन्होंने MANF को चुना। अब MANF को ही बंद कर दिया गया है। उन स्टूडेंट्स की क्या गलती है?”
फेलोशिप को प्रोत्साहन दिया जाए
मौलाना आज़ाद नेशनल फेलोशिप (MANF) पर अपनी बात रखने के लिए रिसर्चर्स के संगठन ऑल इंडिया रिसर्च स्कॉलर्स एसोसिएशन (AIRSA) ने ईरानी को एक पत्र लिखा। संगठन ने कहा कि रिसर्च का काम देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए इसमें निवेश करना और फेलोशिप को प्रोत्साहन देना महत्वपूर्ण है। AIRSA ने अपने पत्र में लिखा,
“MANF फेलोशिप क्रीमीलेयर इनकम से नीचे आने वाले अल्पसंख्यक छात्रों के लिए एक वरदान की तरह थी। फेलोशिप के कारण उन्हें पैसों की चिंता किए बिना Phd और M Phil जैसी डिग्री हासिल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता था।”
MANF में किए गए संशोधन का विवरण
MANF से जुड़े रिसर्चर्स बता रहे हैं कि फेलोशिप में आखिरी बार संशोधन 2019 में किया गया था। उनके अनुसार, UGC, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, और जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने इस वर्ष में अन्य फेलोशिप्स में संशोधन किया था। इस संबंध में रिसर्चर्स बता रहे हैं कि UGC ने जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) की राशि को 31,000 रुपए से बढ़ाकर 37,000 रुपए कर दिया था, जबकि सीनियर रिसर्च फेलोशिप (SRF) को 35,000 रुपए से बढ़ाकर 42,000 रुपए किया गया था। ये संशोधन 1 जनवरी 2023 से प्रभावी हुए थे। सोशल वर्क में Ph.D. कर रहे जसप्रीत ने बताया,
“फेलोशिप को UGC के नियमों के आधार पर बढ़ाया गया है, जो सभी मंत्रालयों में लागू किया गया है। लेकिन MoMA ने इसे लागू नहीं किया है, जो इस मंत्रालय के तहत MANF फेलोशिप को प्रबंधित करता है। कानून के अनुसार, फेलोशिप को हर महीने देना होता है, लेकिन हमें पिछले 6 महीनों से MANF फेलोशिप नहीं मिली है। हमने मंत्रालय को अपनी स्थिति बताई है, लेकिन वह कहते हैं कि उनके पास फंड नहीं हैं। हमें केवल आश्वासन दिया जाता है कि इस पर काम चल रहा है।””
जसप्रीत ने आगे बताया कि उनके ऊपर पिछले कई महीनों से प्रेशर है, वो अपने खर्चे नहीं चला पा रहे हैं. फेलोशिप ना आने से उनके ऊपर मेंटल प्रेशर भी काफी ज्यादा है.
बता दें कि MANF फेलोशिप जामिया मिल्लिया इस्लामिया, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, गुवाहाटी यूनिवर्सिटी, सरदार पटेल यूनिवर्सिटी, सहित 30 अन्य यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स को दी जाती है. रिसर्चर्स ने स्मृति ईरानी और उनके मंत्रालय को पत्र लिख इसे वितरित करने वाली नोडल एजेंसी से MANF को बढ़ाने की प्रक्रिया में तेजी लाने और मासिक आधार पर फेलोशिप देने का आग्रह किया है. दिल्ली यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ उर्दू से Phd कर रहे मोहम्मद रिज़वान ने दी लल्लनटॉप को बताया,
“फेलोशिप हर महीने आनी चाहिए. लेकिन मुझे आखिरी बार फेलोशिप 3 अक्टूबर 2023 को मिली थी. कभी-कभी तो छह-छह महीने फेलोशिप नहीं आती. इसका कोई सेट पैटर्न नहीं है. हम लोगों का पोर्टल भी अभी तक अपडेट नहीं हुआ है. UGC की बाकी फेलोशिप का पोर्टल अपडेट हो चुका है. हमने मंत्रालय से भी संपर्क करने की कोशिश की है, लेकिन कोई भी जवाब नहीं मिला है. हमें इंतजार करने के लिए कह दिया जाता है.”
“2022 में बंद करने के आदेश दिए गए
ज्ञात हो कि दिसंबर 2022 में, केंद्र सरकार ने लोकसभा को सूचित किया था कि MANF योजना को समाप्त किया जा रहा है। अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री, स्मृति ईरानी, ने बताया कि यह निर्णय MANF फेलोशिप को कई अन्य योजनाओं के साथ समाहित हो रही थी के कारण लिया गया है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में, MANF को छोड़कर अन्य अल्पसंख्यकों के लिए कई योजनाओं के बजट में सैंकड़ों करोड़ों की कमी की गई है। अल्पसंख्यकों के मामलों के लिए केंद्रीय बजट का अनुमान 2022-23 में लगभग 5 हजार करोड़ रुपए था, लेकिन इस बार मामला मंत्रालय को केवल 3 हजार करोड़ रुपए मिले हैं, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 38 प्रतिशत कम है।
इस मुद्दे पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की पक्षधर मिलते ही समाचार को संपादित किया जाएगा।
ये भी पढ़े
- SSC CGL Recruitment 2024 एसएससी सीजीएल भर्ती 2024: 17727 पदों के लिए आवेदन करें
- IBPS CRP RRB XIII 2024 Apply Online Form
- AIIMS Guwahati Faculty (Group A) Recruitment 2024 – Apply Online for 79 Posts
- Prime Minister Employment Scheme (PM Rojgar Yojana)
- रेलवे में 8वीं पास पेंटर के पदों पर बिना परीक्षा भर्ती का नोटिफिकेशन जारी
- JKSSB Admit Card 2024 – Junior Assistant Type Test Admit Card Download
- 8th Pay Commission कर्मचारियों को बहुत फायदा 8वा वेतन पर मिलेगी इतनी सैलरी ?
- UPSC CMS Recruitment 2024 Union Public Service Commission (UPSC) Combined Medical Services Examination 2024
- Gujarat Police Recruitment 2024 Apply Online12000 Posts
- UPSC IES and ISS Recruitment 2024 Apply Online Form