Rajasthan Samvida Karmchari Latest News मै सभी सविधा कर्मी रेगुलर सरकार के दवरा बड़ा फेंसला जारी देखे पूरी जानकारी

Samvida Karmchari Latest News : राजस्थान Samvida Karmchari संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक महत्वपूर्ण अपडेट दिया है। अब 5 साल से ज्यादा समय से संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा। सरकार ने सरकारी विभागों में संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी है। कार्मिक विभाग ने आज संविदा कर्मियों को नियमित करने के लिए एक कमेटी गठित की है और नियम जारी किए हैं। इससे जुड़ी प्रक्रिया को स्पष्ट कर दिया गया है। इसके अलावा, इस पोस्ट में विस्तृत जानकारी और मार्गदर्शन दिया गया है।

राजस्थान Samvida Karmchari  संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के अपडेट

  • अब राजस्थान में 5 साल से अधिक समय से संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा।
  • यह फैसला राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा किया गया है।
  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बेरोजगारों को एक बड़ी खुशखबरी दी है।
  • इसमें सबसे बड़ी खुशखबरी यह है कि 5 साल से ज्यादा संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा।

राजस्थान संविदा कर्मचारियों Samvida Karmchari को नियमित करने के आवश्यक दिशा-निर्देश

राजस्थान में संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा इस प्रकार:-

  • 5 साल से अधिक समय से संविदा पर काम करना चाहिए।
  • संबंधित संविदा कर्मी की पूर्व से संबंधित पद की सेवा के अनुभव का महत्वपूर्ण भूमिका होगा।
  • पूर्व सेवा के 3 वर्षों के लिए 1 साल का अनुभव, 6 वर्षों के लिए 2 साल का, 9 वर्षों के लिए 3 साल का, और 12 साल के लिए 4 साल का अनुभव का वेटेज होगा।
  • संबंधित विभाग के एसीएस प्रमुख सचिव एवं सचिव की अध्यक्षता में कमेटी आयोजित की जाएगी।

राजस्थान संविदा कर्मचारियों Samvida Karmchari को नियमित करने के विस्तारित जानकारी

राजस्थान में संविदा कर्मचारियों Samvida Karmchari  की नियमित करने के लिए कमेटी एसीएस प्रमुख सचिव, सचिव, या उनके द्वारा नामित डीएस स्तर के अधिकारियों द्वारा आयोजित की जाएगी। एचओडी कमेटी में सदस्य सचिव रहेंगे।

संविदा कर्मी के सेवाकाल के 5 वर्ष पूरे होने पर, कमेटी संविदा कर्मी की स्क्रीनिंग करेगी और उन्हें पूर्व सेवा के अनुभव का लाभ दिया जाएगा। संबंधित साल में हो रही प्रक्रिया और सेवा के पूरे होने की तिथि 1 अप्रैल से गिनी जाएगी। स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा उपयुक्त मान्यता प्राप्त करने वाले पद की नियुक्ति नियोक्ता प्राधिकृतिक द्वारा की जाएगी।

संविदा कर्मचारी कौन होते हैं?

संविदा नौकरी एक अस्थायी रूप से नियुक्ति होती है, जिसमें संस्था द्वारा नियमित रूप से किसी व्यक्ति की सेवाओं का उपयोग किया जाता है। इस प्रकार की नौकरियां अक्सर एक विशिष्ट समय अवधि के लिए होती हैं, जो आमतौर पर एक साल से कम होती है। संविदा नौकरियां संविदा कर्मचारियों के रूप में जानी जाती हैं।

“सरकार ने प्रदेश के 1.84 लाख संविदा कर्मचारियों के लिए वेतन का एक नया फार्मूला तय किया है। इस नए फार्मूले के अनुसार, इन कर्मचारियों को उनके नियमित कर्मचारियों के सातवें वेतन के 90% का न्यूनतम वेतन मिलेगा। कैबिनेट में बीते मंगलवार को लिए गए फैसले के बाद, सरकार ने नए नियमों का भी खाका तय किया है। इसमें नियमित पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा देने का भी प्रावधान है।

15-20 साल वालों के साथ क्या होगा?

सरकार द्वारा तय किए गए नए नियमों और वेतन फार्मूले से संविदा कर्मचारी महासंघ अप्रसन्न है। प्रदेशाध्यक्ष रमेश राठौर के अनुसार, इसमें वरिष्ठता को ध्यान में रखा नहीं गया है। 15-20 साल से काम कर रहे और नए कर्मचारियों को एक ही वेतन मिलेगा। पुराने कर्मचारियों का वेतन उनकी वरिष्ठता के आधार पर तय करना चाहिए। जो पहले से ही नियमित पदों पर काम कर रहे थे, उन्हें कम से कम नियमित कर दिया जाना चाहिए। सरकार ने इस पर वादा किया था। बैठक में आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।

इन कर्मचारियों के लिए नए वेतन फार्मूले के अनुसार, नियमित पद पर संविदा कर्मचारियों के लिए वेतन का खाका निम्नलिखित है:

चतुर्थ श्रेणी: 15500-16100 (संविदा), 13950-14490 (नियमित)

तृतीय श्रेणी: 18000 (संविदा), 16200 (नियमित)

  • 19500 (संविदा), 17550 (नियमित)
    • 22770 (संविदा), 19890 (नियमित)
    • 25300 (संविदा), 22770 (नियमित)
    • 28700 (संविदा), 25830 (नियमित)
    • 32800 (संविदा), 29520 (नियमित)

द्वितीय श्रेणी: 36200 (संविदा), 32580 (नियमित)

  • 42700 (संविदा), 38430 (नियमित)
  • 49100 (संविदा), 44190 (नियमित)
  • 56100 (संविदा), 50490 (नियमित)

पहली श्रेणी: 67300 (संविदा), 60570 (नियमित)

  • 79900 (संविदा), 71910 (नियमित)
  • 123100 (संविदा),  110700 (नियमित)

इन संविदा कर्मचारियों को महंगाई भत्ता, मकान किराया, वाहन भत्ता, ग्रेच्युटी, अनुकंपा नियुक्ति, एक्सग्रेसिया, मेडिकल रीइंबर्समेंट, आदि सुविधाएँ नहीं मिलेंगी। केबिनेट के फैसले से प्रदेश के संविदा कर्मचारियों के संगठन नाराज हैं।

इन वेतन नियमों को लेकर तीन महीने से चल रही थी, जिसके लिए तीन बार मसौदा बदला गया था। पिछले कैबिनेट में ही अंतिम मसौदा पास किया गया था।”