Rajasthan Indira Rasoi Yojana 2024 राजस्थान इंदिरा रसोई योजना का नाम बदला गया

Rajasthan Indira Rasoi Yojana: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने राज्य में “कोई भी भूखा नहीं सोए” का संकल्प साकार करने के लिए राजस्थान इंदिरा रसोई योजना की शुरुआत की है। यह योजना कोरोनावायरस संक्रमण के समय लोगों को दैनिक खान-पीन की समस्या को देखते हुए 20 अगस्त को शुरू की गई थी। इसके तहत, राजस्थान में गरीब लोगों को ₹8 में एक वक्त का ताजा और पौष्टिक खाना सम्मान पूर्वक उपलब्ध होता है। एक वक्त की थाली में ₹25 का खर्च होता है, जिसमें ₹17 राज्य सरकार द्वारा वहन किए जाते हैं और ₹8 लाभार्थी से लिए जाते हैं।

Rajasthan Indira Rasoi Yojana 2024

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने प्रदेशवासियों को दो वक्त का स्वादिष्ट खाना प्रदान करने का लक्ष्य रखकर राज्य के 213 नगरीय निकायों में 358 रसोइयों के साथ Rajasthan Indira Rasoi Yojana की शुरुआत की थी। इस योजना को बढ़ाकर बजट घोषणा में 1000 रसोइयों तक का विस्तार किया गया है। 18 सितंबर 2022 को मुख्यमंत्री जी ने जोधपुर में 512 नए इंदिरा रसोइयों का शुभारंभ किया है। कुल मिलाकर, इस समय संचालित इंदिरा रसोइयों की संख्या 870 हो गई है।

इन रसोइयों का संचालन एनजीओ द्वारा किया जाता है, जिसके लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समन्वय और मॉनिटरिंग समिति द्वारा 300 से अधिक स्थानीय एनजीओ का चयन किया जाता है। अब तक, Indira Rasoi Yojana 2024 के तहत 7.01 करोड़ भोजन की थालियां परोसी जा चुकी हैं, जिसमें लक्ष्य का 72.32% पूरा हुआ है। हालांकि, अब सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना के माध्यम से प्रतिदिन 1.34 लाख लोगों और प्रतिवर्ष 4.87 लाख लोगों को भोजन की थाली परोसने में सफल हों।”

 शुक्रवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूर्ववर्ती गहलोत सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक, इंदिरा रसोई योजना, का नाम बदलकर श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना में परिवर्तन किया है। इस नए नाम का ऐलान मुख्यमंत्री भजनलाल ने जयपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुए एक कार्यक्रम में किया।

प्रधानमंत्री मोदी के पहले दौरे के बाद यह जयपुर में पार्टी कार्यालय का पहला दौरा था। इस नए नाम का चयन इंदिरा रसोई योजना में मिली कमियों के कारण किया गया है, और इसे बदलने का निर्णय लिया गया है। अब इस योजना के तहत “अन्नपूर्णा रसोई योजना” के माध्यम से गरीबों और जरूरतमंदों को वाहन के माध्यम से नाश्ता और भोजन प्रदान किया जाएगा।

Rajasthan Indira Rasoi Yojana Budget

इस योजना के तहत, हर साल राजस्थान सरकार द्वारा 100 करोड़ रुपए का खर्च करने का प्रावधान है, लेकिन नए “Annapurna Rasoi Yojana” को राज्य में 642 नई रसोईयों को संचालित करने के लिए मंजूरी दी गई है। इन नई रसोईयों की शीघ्रता से शुरुआत होगी। इसके बाद, सरकार द्वारा इस योजना के तहत 2022-23 के बजट में हर साल 250 करोड़ रुपए का खर्च करने का ऐलान होगा।

Rajasthan Indira Rasoi Yojana” के अंतर्गत अनुदान के लिए, नगर निकायों को 50% राशि राज्य वित्त आयोग द्वारा दी जाएगी और बची 50% को प्रथमतः मुख्यमंत्री सहायता कोष से या यदि आवश्यक हो, अन्य स्रोतों से पूर्ति की जाएगी। हर रसोई के लिए सरकार द्वारा मौद्रिक निर्मितता के लिए 5 लाख रुपए और प्रति वर्ष आवर्ती संरचना के लिए 3 लाख रुपए दिए जाएंगे। जिन रसोईयों ने अच्छा काम किया है, उन्हें जिला, संभाग, राज्य स्तर पर 15 अगस्त और 26 जनवरी को 15 लाख से भी अधिक नगद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे।

प्रदेश के गरीब और जरूरतमंद लोगों को Rajasthan Indira Rasoi Yojana 2024 के माध्यम से दो समय – दोपहर और रात का भोजन प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत, एक समय के भोजन के लिए लाभार्थी द्वारा ₹8 का भुगतान किया जाता है। वर्तमान में, एक समय के भोजन का खर्च ₹25 है, जिसमें ₹17 राज्य सरकार द्वारा अनुदान किया जाता है।

पहले, इस योजना के तहत एक समय के भोजन का खर्च ₹20 था, जिसमें से ₹12 राज्य सरकार द्वारा और ₹8 लाभार्थी द्वारा दिए जाते थे। सामान्यत: दोपहर का भोजन सुबह 8:30 बजे से दोपहर 1 बजे तक और रात का भोजन शाम 5:00 बजे से 8:00 बजे तक उपलब्ध होता है। भोजन में शामिल होने वाले आहार में 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती, और आचार शामिल होता है।

Indira Rasoi Yojana के तहत किया जाता है पेपरलेस काम

प्रदेश सरकार द्वारा Indira Rasoi Yojana के तहत पेपरलेस काम किया जाता है, जिसके लिए इंदिरा रसोई वेब पोर्टल को विकसित किया गया है। इस वेबसाइट पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके लाभार्थियों के वास्तविक फोटो अपलोड किए जाते हैं। इसके अलावा, लाभार्थियों के मोबाइल पर मैसेज और स्टेट कॉल सेंटर से नियमित फीडबैक भी लिए जाते हैं। रसोई एजेंसी द्वारा आधार ऑथेंटिकेशन की प्रक्रिया से ऑनलाइन इनवॉइस जनरेशन और ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था की जाती है। सरकार ने नगर निकायों द्वारा भोजन की गुणवत्ता की निगरानी रखने के लिए हर महीने कम से कम 2 बार इंदिरा रसोइयों का निरीक्षण करके निरीक्षण रिपोर्ट मोबाइल ऐप के माध्यम से ऑनलाइन प्रेषित करने का भी प्रावधान किया गया है। राजस्थान इंदिरा रसोई योजना 2024 की आईटी आधारित प्रक्रिया की मुख्य कार्यकारी अधिकारी, नेशनल ई-गवर्नेंस डिपार्टमेंट द्वारा भी बहुत सराहनीय की गई है।

Rajasthan Indira Rasoi Yojana 2024 का उद्देश्य

इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि राजस्थान में कोई भी गरीब व्यक्ति भूखा नहीं सोए, और सभी को भरपेट ताजा, स्वादिष्ट, और पौष्टिक खाना मिले। इस बढ़ती हुई महंगाई के दौर में, एक गरीब परिवार को अपना दो वक्त का खाना खाने में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कभी-कभी तो पैसे ना होने के कारण गरीबों को भूखा ही सोना पड़ जाता है। लेकिन जब से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी द्वारा इंदिरा रसोई योजना राजस्थान में शुरू की गई है, तब से इसका लाभ उठाकर करोड़ों गरीब जरूरतमंद केवल ₹8 में एक वक्त का भरपेट ताजा खाना खा रहा है, जो एक बहुत बड़ी सराहनीय बात है। Indira Rasoi Yojana के माध्यम से कोरोनावायरस के दौरान जरूरतमंदों नागरिकों और रीट के अभ्यार्थियों को निशुल्क भोजन तक दिया गया है।

Benefits of Rajasthan Indira Rasoi Yojana

  • इस योजना का लाभ राज्य के जरूरतमंद गरीब लोगों को दिया जाता है।
  • सरकार द्वारा इंदिरा रसोई योजना राजस्थान 2024 के द्वारा लोगों को स्वादिष्ट और ताजा दो वक्त का भरपेट के उपलब्ध करवाया जा रहा है।
  • इस खाने के लिए लाभार्थी को एक वक्त के भोजन के लिए केवल ₹8 का भुगतान करना होता है।
  • इस योजना के माध्यम से ₹100 प्रतिदिन कमाने वाला व्यक्ति आराम से ₹16 में दो वक्त का भरपेट खाना खा सकता है।
  • यह योजना राज्य में जरूरतमंद लोगों को भरपेट खाना देकर उनके स्वास्थ्य को सुधारने में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देगी।
  • इंदिरा रसोई योजना के माध्यम से हर दिन34 लाख व्यक्तियों और हर साल 4.87 करोड़ों व्यक्तियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। यह लक्ष्य को आवश्यकता अनुसार ओर बढ़ाया भी जा सकता है।

राजस्थान इंदिरा रसोई योजना 2024 के मुख्य बिंदु

  • इस योजना के तहत एक समय में खिलाई जाने वाली प्रति थाली पर ₹25 का खर्च आता है जिसके लिए लाभार्थी को एक वक्त की थाली के लिए ₹8 देने पड़ते हैं और राज्य सरकार द्वारा प्रति थाली ₹17 का अनुदान दिया जाता है।
  • इससे पहले इस योजना के तहत प्रति थाली पर ₹20 खर्च किए जाते थे जिसमें ₹8 लाभार्थी द्वारा और ₹12 राज्य सरकार द्वारा दिए जाते थे।
  • इस योजना के तहत इंदिरा रसोइयों का संचालन एनजीओ द्वारा किया जाता है।
  • राज्य में जिला स्तर पर योजना की जिम्मेदारी जिला कलेक्टर को सौंपी गई है।
  • जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समन्वय और मॉनिटरिंग समिति द्वारा रसोई चलाने के लिए एनजीओ का चयन किया जाता है।
  • राजस्थान इंदिरा रसोई योजना में किसी भी तरह की कोई धोखाधड़ी या धंधाली ना हो इसके लिए इस योजना का काम पेपर लेस किया जाता है, जिसके लिए इंदिरा रसोई वेब पोर्टल को विकसित किया गया है।
  • नगर निकायों द्वारा भोजन की गुणवत्ता पर निगरानी रखने के लिए हर महीने कम से कम 2 बार इंदिरा रसोइयों का निरीक्षण करके निरीक्षण रिपोर्ट मोबाइल ऐप के माध्यम से प्रेषित करने का भी प्रावधान किया गया है।
  • राजस्थान संपर्क पोर्टल के माध्यम से इस योजना के लाभार्थियों से दूरभाषा पर निरंतर फीडबैक भी लिया जाता है।
  • इस योजना पर हर वर्ष 100 रुपए खर्च किए जाते थे, लेकिन आने वाले समय में नई रसोइयों का संचालन हो रहा है, जिसके लिए 2022-23 बजट में इस योजना के लिए 250 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जाएगा।

Indira Rasoi Yojana 2024 के तहत पात्रता

  • राजस्थान के स्थाई निवासी ही इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
  • गरीब और जरूरतमंद जिनकी आय बहुत ही कम है वहीं इस योजना के पात्र हैं।

Note

06 जनवरी 2024 की अपडेट: – राजस्थान में इंदिरा रसोई योजना का नाम बदला गया

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