CBSE ने 2024-25 के शिक्षा सत्र के लिए एक नई खुशखबरी दी है! अब से, 11वीं और 12वीं कक्षा के बच्चों को एग्जाम में नए सवाल पूछे जाएंगे। अब उन्हें सिचुएशन क्वेश्चंस के जवाब देने होंगे।
और जरा ध्यान दीजिए, अब से शॉर्ट और लॉन्ग आंसर क्वेशचंस की गिनती भी कम हो जाएगी। यह बिल्कुल नया अनुभव होगा!
और ध्यान दीजिए, कक्षा 9 और 10 के लिए कोई बदलाव नहीं होगा। तो धीरे-धीरे तैयार हो जाइए, नए एग्जाम पैटर्न के साथ!
अब एग्जाम के सारे मसले हल हो जाएंगे! अब छात्रों को रटने की जगह, वास्तविक जीवन की समस्याओं का सामना करना होगा। अब ज्यादा सिचुएशनल सवालों का मुकाबला होगा, जो छात्रों की डिसीजन मेकिंग की क्षमता को बढ़ाएगा। यानी, अब रटने की जगह, समस्याओं के सही हल की तलाश में होना होगा। यह बिल्कुल नए अनुभव का आगाज होगा!
50 प्रतिशत सवाल प्रैक्टिकल नॉलेज के होंगे
अब आ गया एक और ताज़ा तेवर! अब सिलेबस के आधार पर बनी MCQs की मात्रा 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत हो जाएगी। शॉर्ट आंसर के सवालों की संख्या भी 40 प्रतिशत से कम होकर 30 प्रतिशत हो जाएगी। अब पेपर में 50 प्रतिशत सवाल प्रैक्टिकल नॉलेज को टेस्ट करने पर ध्यान केंद्रित होगा। ये तो बिल्कुल नया चैप्टर है, जो छात्रों को अधिक समझने और उनकी सोच को तेज़ करने का मौका देगा।
स्किल बेस्ड एजुकेशन पर जोर होगा – CBSE
CBSE के शिक्षा निदेशक जोसेफ इमैनुएल ने बताया कि ये सभी बदलाव NEP 2020 के लक्ष्यों को ध्यान में रखकर किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्किल बेस्ड एजुकेशन एक महत्वपूर्ण कदम है जो छात्रों को 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने में मदद करेगा। छात्रों के अनालिटिकल, क्रिटिकल, और डिसीजन मेकिंग कौशल को विकसित करना बहुत जरूरी है। ये बदलाव छात्रों के भविष्य की तैयारी में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
NEP 2020 के तहत लिया फैसला
CBSE के शिक्षा निदेशक, जोसेफ इमैनुएल ने बताया कि इन बदलावों का उद्देश्य NEP 2020 के लक्ष्यों को ध्यान में रखकर किया गया है। इनमें स्कूली ज्ञान को रोजमर्रा के जीवन में उपयोग करना सिखाना भी शामिल है। इससे बच्चों की सोचने की क्षमता और विकास को मदद मिलेगी।
अब छात्रों को साल में दो बार CBSE बोर्ड एग्जाम का ऑप्शन मिलेगा, जो 2025-26 एकेडमिक ईयर से शुरू होगा। इसके साथ ही, छात्रों को बेस्ट स्कोर को रिटेन करने का विकल्प भी मिलेगा। इस नए तारीख के साथ बच्चों को पर्याप्त समय और अवसर भी मिलेगा अच्छे प्रदर्शन के लिए।
आने वाले दिनों में, स्कूलों में दिए जाने वाले रिपोर्ट कार्ड का पैटर्न भी बदल जाएगा। अब सिर्फ एग्जाम में मिले ग्रेड और मार्क्स के आधार पर रिपोर्ट कार्ड नहीं बनेंगे, बल्कि टीचर्स, साथ पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स और पेरेंट्स के फीडबैक भी शामिल होंगे। इसे HPC यानी हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड कहा जाएगा।
NCERT की बॉडी PARAKH ने इस नए रिपोर्ट कार्ड के पैटर्न पर काम शुरू किया है, जो कि कक्षा 1 से 8 तक के लिए तैयार है। वहीं, 9 से 12 तक के छात्रों के लिए भी एक नया रिपोर्ट कार्ड तैयार हो रहा है।
Exam pattern Change
CBSE ने हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी के छात्रों के लिए कुछ नए बदलावों का प्रस्ताव रखा है। अब 10वीं कक्षा में छात्रों को तीन भाषाओं की जगह चार भाषाओं का अध्ययन करना होगा। इसमें कम से कम दो भारतीय भाषाएँ (जैसे हिंदी, मराठी) शामिल होंगी। यह प्रस्ताव HRD मंत्रालय को भेजा गया है और उसकी मंजूरी के बाद ही यह लागू हो सकेगा।
10वीं कक्षा के छात्रों को अब पांच सब्जेक्टों की जगह दस सब्जेक्ट में पास होना होगा। और उन्हें बैचलर करने से पहले 6 सब्जेक्ट्स में एग्जाम पास करना होगा।
वैसे ही, 12वीं कक्षा के लिए भी एक बदलाव प्रस्तावित है, जिसमें छात्रों को एक बार अब दो भाषाओं की जगह तीन भाषाओं का अध्ययन करना होगा। और इसमें कम से कम एक भारतीय भाषा शामिल होनी चाहिए।
इन नए बदलावों के तहत, सभी 10 सब्जेक्टों में पास होना जरूरी होगा, ताकि छात्र अगली कक्षा में पहुँच सकें।
10+12 Students Exam
CBSE ने स्टैंडर्ड स्कूल करिकुलम में कुछ बदलाव का प्रस्ताव दिया है। एक नए फॉर्मल क्रेडिट सिस्टम के अनुसार, अब छात्रों के पढ़ाई के घंटों को क्रेडिट में बदला जाएगा। इससे स्टूडेंट्स को एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में क्रेडिट मिलेगा।
क्लास 11th और 12th के लिए, अब स्टूडेंट्स को दो लैंग्वेज और पांच ऑप्शनल सब्जेक्ट्स को पढ़ना होगा। दोनों लैंग्वेज में से एक नेटिव लैंग्वेज होनी चाहिए।
बोर्ड ने इस प्रस्ताव को 21 जुलाई 2023 को जारी किया था, जिसमें CBSE ने स्कूलों में क्लास 12th तक सब्जेक्ट के ऑप्शन में नेटिव लैंग्वेज को पढ़ाने की शुरुआत की थी।
यह फैसला नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के अनुसार किया गया है, जिससे स्टूडेंट्स को लैंग्वेज को पढ़ने पर जोर दिया जा सके।